महासमुंद13 दिसंबर 2023। महासमुंद जिले के पिथोरा स्थित किशनपुर में एएनएम योगमाया साहू और पूरे परिवार के हत्याकांड में कोर्ट का फैसला आया है। वारदात के करीब 5 साल बाद न्यायायल ने इस वारदात में शामिल 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आपको बता दे कि इस केस की तफ्तीश में नार्को टेस्ट जांच में तत्कालीन महासमुंद एसपी व वर्तमान बिलासपुर एसपी संतोष सिंह ने विशेष भूमिका निभाई थी। एसपी संतोष सिंह के सुपरविजन में पूरे घटना की सूक्ष्मता से जांच की गयी थी। पुलिस की इस जांच रिपोर्ट पर सीबीआई ने भी अपनी सहमति दी थी।
गौरतलबह है कि 31 मई 2018 की इस घटना में महासमुंद में रहने वाले ANM योगमाया साहू उसके पति और दो बच्चों की नृशंस हत्या किया गया था। इस वारदात के कुछ दिनों के बाद वारदात में शामिल एक आरोपी धर्मेंद्र बरीहा को पुलिस ने 3 जून को अरेस्ट कर लिया था। घटनास्थल के पास से पीड़ित का कुछ गायब सामान धर्मेंद्र के घर से पुलिस ने बरामद किया था। पुलिस की पूछताछ में लेकिन आरोपी सिर्फ अपनी संलिप्तता स्वीकार कर पुलिस को लगातार गुमराह कर रहा था।
अभियुक्त और न्यायालय की अनुमति के बाद उसका नार्को टेस्ट कराया गया। जिसमें वारदात में लिप्त चार अन्य आरोपियों के नाम सामने आया। पुलिस ने इस वारदात से जुड़े साक्ष्य एकत्र किए गए, जो कि नार्को निष्कर्षों की पुष्टि कर सकते थे। पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान कई आरोप लगाए गए और पुलिस पर कुछ अन्य संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज करने का दबाव भी बनाया गया था। जांच के बाद कुल पांच आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया गया।
बाद में पुलिस की जांच व चालान के खिलाफ परिजनों के आवेदन पर हाई कोर्ट ने इस घटना की जांच का आदेश सीबीआई को दिया गया। जांच के बाद सीबीआई ने भी अपना प्रतिवेदन कोर्ट में प्रस्तुत किया। जिसमे उन्होंने पुलिस जांच को सही ठहराया है और वारदात में शामिल पांच के अलावा किसी अन्य की संलिप्तता नही पाया गया। इस पूरी जांच रिपोर्ट के बाद आख़िरकार 12 दिसंबर को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए इस हत्याकांड के पांचो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।