विधायक दल की बैठक के पहले हुआ शीर्ष नेताओं में मंथन, फिर,ऐसे हुआ CM का चयन

रायपुर 10 दिसंबर 2023। छत्तीसगढ़ में आखिरकार आदिवासी मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग ही गयी। ये तो तय था कि प्रदेश में भाजपा आदिवासी मुख्यमंत्री को ही आगे करेगी। हालांकि इसका पटाक्षेप आज विधायक दल की बैठक में हुआ। आइये आपको हम सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि आखिरकार विधायक दल की बैठक में कैसे विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगी।

बैठक पहले 12 से होना था, लेकिन दिल्ली से रात ही रायपुर में ये खबर भेज दी गयी, कि सभी नये विधायकों के साथ पर्यवेक्षक लंच पर चर्चा करेंगे, लिहाजा विधायकों को 12 बजे बुलाया जाये, लेकिन बैठक की टाइमिंग को आगे बढ़ाया जाये। तय किया गया कि 12 बजे से लंच शुरू होगा, लंच के दौरान भी पर्यवेक्षक विधायकों से बातें करें करेंगे और फिर विधायक दल की बैठक 2 बजे से होगी।

तय कार्यक्रम के मुताबिक विधायक 12 बजे आ गये, कुछ विधायक 12.30 बजे तक भी आये, लेकिन रमन सिंह नहीं पहुंचे। रमन सिंह के नहीं आने पर सस्पेंस बढ़ गया। भाजपा नेताओं के साथ-साथ कई लोग इसे लेकर अटकलें लगाने लगे। कुछ लोग ये भी कहने लगे कि रमन सिंह से मुख्यमंत्री नहीं बनाये जाने से नाराज हैं। हालांकि ऐसी कुछ बात नहीं थी, वो विधायक दल की बैठक में अपने ही तय समय पर पहुंचे।

दोपहर बाद 2.35 बजे के आसपास एक अलग कमरे में पहले तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षक अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम ने संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, नितिन नवीन, डा रमन सिंह और अरूण साव के साथ बैठकें की। दूसरे कमरे में रमन सिंह और अरूण साव को छोड़कर 52 विधायक मौजूद थे। बैठक के बीच में ही रमन सिंह के पास फोन आया, जिसके बाद रमन सिंह फोन पर बात करने लगे। करीब 3-4 मिनट तक बातचीत होती रही। जानकारी ये मिल रही है कि फोन पर दिल्ली से मुख्यमंत्री कोलेकर रमन सिंह को मुख्यमंत्री पद के लिए नाम बताया गया और साथ ही ये भी कहा गया कि अगर वो इस नाम का प्रस्ताव विधायक दल की बैठक में रखेंगे तो इसका अच्छा संदेश जायेगा। इसके बाद एक बार सभी शीर्ष नेताओं की बैठक शुरू हुई, विधायक दल में सभी की भूमिका बतायी गयी ।

करीब 3.15 में सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रर्यवेक्षक विधायकों वाले कक्ष में पहुंचे। सभी विधायकों के सामने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। रमन सिंह ने कहा कि विष्णुदेव साय आदिवासी वर्ग से हैं, लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है। उनके कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में बेहतर सांगठनिक विकास होगा और प्रदेश बेहतर नेतृत्व में विकास करेगा। विष्णुदेव साय प्रशासन चलाने के साथ-साथ संगठन चलाने का भी अच्छा अनुभव है। उनके नेतृत्व में काम कर प्रदेश को और आगे ले जायेंगे। विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाने के प्रस्ताव का बृजमोहन अग्रवाल और अरूण साव सहित अन्य सीनियर विधायकों ने भी समर्थन किया।

3.45 के करीब इसके बाद वरिष्ठ पर्यवेक्षक अर्जुन मुंडा अपनी सीट से खड़े हुए और उन्होंने विधायक दल के नेता और प्रदेश के नये मुख्यमंत्री के रुप में विष्णुदेव साय का चयन करने की घोषणा की। विष्णुदेव साय के नाम का ऐलान करते ही पहले पर्यवेक्षकों ने विष्णुदेव साय को हार पहनाया और फिर एक के बाद मंच पर मौजूद तमाम लोगों ने उन्हें बधाई दी।