ऋतुओं के संधिकाल में होने वाले उपद्रवों से बचाता है स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार : डॉ. नागेंद्र

पतंजलि चिकित्सालय निहारिका में बच्चों को ड्रॉप्स पिलाकर किया गया आयुर्वेद पद्धति से टीकाकरण


कोरबा। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बच्चे रहे स्वस्थ योजनांतर्गत चलो आयुर्वेद की ओर मिशन के तहत डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने पतंजलि चिकित्सालय निहारिका में 2 दिसंबर शनिवार को अति शुभ पुष्य नक्षत्र में आयुर्वेदिक इम्यूनाइजेसन प्रोग्राम के तहत बच्चों को स्वर्ण बिंदु प्राशन ड्रॉप्स पिलाकर आयुर्वेद पद्धति से टीकाकरण किया।
स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार के लाभ के विषय में बताते हुये संस्थान के चिकित्सक डॉ. शर्मा ने कहा कि वर्षा ऋतु की विदाई के साथ शीत ऋतु का आगमन धीरे-धीरे हो रहा है। ऋतु परिवर्तन के इस काल को संधिकाल कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार बाह्य प्रकृति में बदलाव आने के साथ साथ हमारे शरीर के अंदर भी परिवर्तन होने लगता है। जरा सी भी असावधानी के कारण अनेक तरह के उपद्रव हमें शारीरिक रोग जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी, ज्वर का आना आदि के रूप में प्रभावित करते हैं। इसका ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिलता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और वे ऋतुओं के इस संधिकाल से प्रभावित होकर रोगग्रस्त हो जाते हैं। स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार से बच्चों की पाचन तंत्र की क्रिया सम्यक होकर उनकी धातुएं पुष्ट होती है। साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में अतिशय वृद्धि होती है, जिससे वे ऋतुओं के इस संधिकाल में होने वाले उपद्रव से सुरक्षित रहते हैं। स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार में डॉ. शर्मा के अलावा प्रतिभा शर्मा, नेत्रनंदन साहू, अश्विनी बुनकर, कमल धारिया, चक्रपाणि पांडेय, राकेश इस्पात, स्नेहा मिश्रा, देवबली कुंभकार, संजय कूर्मवंशी, इंद्रनारायण जायसवाल, कमला कुंभकार, एवं सिद्धराम शाहनी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।