कांग्रेस करेगी पीएम मोदी का बस्तर में बंद से स्वागत, नगरनार के निजीकरण की मंशा का जतायेंगे विरोध

जगदलपुर 1 अक्टूबर 2023। 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी बस्तर आ रहे हैं,…इस दौरान बस्तर में पीएम मोदी का स्वागत बंद से होगा। कांग्रेस ने नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण की मंशा के मद्देनजर बस्तर में विरोध की तैयारी शुरू की है। कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात का ऐलान किया। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नगरनार संयंत्र का केंद्र सरकार निजीकरण की तैयारी कर रही है। इसका विरोध किया जायेगा। 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी बस्तर आ रहे हैं, इस दौरान संपूर्ण बस्तर बंद रहेगा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि केंद्र सरकार नगरनार संयंत्र का निजीकरण करने जा रही है. बस्तर वासियों के भावनाओं के खिलाफ है। हम नगरनार संयंत्र के निजीकरण का विरोध करते हैं। 3 अक्टूबर को पूरा बस्तर बंद किया जाएगा। चहेते उद्योगपतियों को केंद्र सरकार नगरनार प्लांट बेचना चाह रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरनार की जमीन बस्तर के आदिवासियों और किसानों की जमीन है। प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करने आ रहे हैं। विधनासभा में शासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित हुआ कि ये निजी हाथों में न बिके। इसे राज्य सरकार को दे दिया जाए, इसे राज्य सरकार चलाएगी, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नहीं माना। बिक्री के लिए ऐसा क्लाउज डाल दिया कि उसे राज्य सरकार ले ही नहीं सके।

बस्तर के लोग आज इससे आक्रोशित है। भारत सरकार नहीं चाहती कि वहां स्थानीय को नौकरी और आरक्षण का लाभ मिले। जानकारी ये है कि कुछ कम्पनियां परीक्षण के लिए वहां आई है। जानकारी के मुताबिक टाटा, वेदांता, जिंदल और अडानी जैसी कंपनियां खरीदने आ रही है। लेकिन ये निजी हाथों में नहीं बिकेगा. क्योंकि यहां की जमीन वहां की जनता को दी गई है। जगदलपुर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल नहीं है, इसलिए वहां एम्स खुलना चाहिये जगदलपुर से दिल्ली और जबलपुर की उड़ान चालू करे, ज्योदिरादित्य सिंधिया आ रहे हैं तो, हम एक करोड़ की क्षतिपूर्ति देने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की जनता 2024 में हराये इन्हें, तब निजीकरण नहीं होगा। प्रधानमंत्री पहले भी कई गैरन्टी दिए. प्रधानमंत्री आते हैं और जुमलेबाजी कर के जाते हैं। कोयले की पेनाल्टी 4100 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास बाकी है। चावल का 6 हजार करोड़ रुपया बचा है, नई पेंशन स्कीम का 17 हजार करोड़ रुपया बचा है। कुल करीब 37 हजार करोड़ रुपये हमें देते, जिसे रोक कर रखा है।