उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर जल्द बाहर आ सकते हैं। यहां देर रात को मैनुअल ड्रिलिंग का काम तेजी से किया गया और अब बचावकर्मी मजदूरों से महज 5 मीटर दूर हैं। मंगलवार सुबह अधिकारियों ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले 24 घंटे में सभी मजदूर खुली हवा में सांस ले सकते हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव अभियान की जानकारी देते हुए कहा, सभी इंजीनियर, विशेषज्ञ और अन्य लोग पूरी ताकत से काम कर रहे हैं।
सुरंग में पाइप 52 मीटर अंदर तक चला गया है और 5 मीटर पाइप अंदर धकेलना बाकी है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोई सफलता मिलेगी। पाइप के अंदर जाते ही सभी लोगों (मजदूरों) को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और सभी लोग ठीक हैं। अमेरिकी ऑगर मशीन खराब होने बाद सोमवार रात से सुरंग में 24 अनुभवी रैट-होल खनन विशेषज्ञों की 3 टीमें हाथ से खुदाई कर रही हैं। इन टीमों ने सुरंग में करीब 7 मीटर तक खुदाई कर दी है और अब 5 मीटर और खुदाई होनी बाकी है।
ये रैट-होल खनन खतरनाक प्रक्रिया है। इसमें कर्मचारी छोटे समूहों में कोयला खदानों में संकीर्ण जगहों पर खुदाई करते हैं। भारत में इस पर प्रतिबंध है। 12 नवंबर की सुबह लगभग 5 बजे भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर सुरंग में अंदर फंस गए। इन सभी मजदूरों को बचाने के लिए के लिए अलग-अलग टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं और सुरंग में सभी सुरक्षित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री धामी से लगातार बचाव अभियान की जानकारी ले रहे हैं।