नईदिल्ली,21 नवंबर2024 : पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक 10 साल की हिंदू लड़की को अगवा करके जबरन उसकी शादी एक मुस्लिम शख्स से कराने का मामला सामने आया है. हालांकि, अधिकारियों ने उसे बचा लिया है. सिंध प्रांत के ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदू समुदाय के लिए नाबालिग और किशोर हिंदू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मांतरण और विवाह एक बड़ी समस्या बनी हुई है.
क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान दरावर इत्तेहाद (अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए गठित एक गैर सरकारी संगठन) के अध्यक्ष शिवा काछी के अनुसार एक अन्य मामले में संघर में एक 15 वर्षीय हिंदू लड़की की 50 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति से जबरन शादी करा दी गई, जिसे अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है.
शिवा ने बुधवार को बताया कि कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं और जब पीड़ित के माता-पिता/वकील मामला अदालत में ले जाते हैं तो उन्हें अदालत में पेश कर दिया जाता है.
लड़की को बरामद कर वापस घर भेजा
शिवा काछी ने बताया कि 10 वर्षीय लड़की को पिछले सप्ताह मीरपुरखास के कोट गुलाम मुहम्मद गांव में उसके घर के बाहर से अगवा कर लिया गया और उसे सरहंदी एयर समारो मदरसा ले जाया गया.
उन्होंने कहा कि लड़की को इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया और फिर उसकी शादी शाहिद तालपुर से कर दी गई, लेकिन जब इस मुद्दे को क्षेत्र के अधिकारियों के समक्ष उठाया गया तो एसएसपी पुलिस अनवर अली तालपुर ने हस्तक्षेप किया और लड़की को बरामद कर उसके घर वापस भेज दिया गया.
इसके अलावा यह भी सामने आया कि दूसरी लड़की पिछले रविवार से लापता है, जिसे अगवा करने वालों ने फर्जी शादी और धर्म परिवर्तन को लेकर प्रमाण पत्र तैयार किए हैं, ताकि यह दिखाया जा सके कि लड़की 20 साल की है.