हर प्राइवेट प्रॉपर्टी पर सरकार का अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट

Government does not have right over every private property: Supreme Court

नई दिल्ली ,05नवंबर 2024 । सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्तियों पर सरकारी अधिकार के मुद्दे पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट किया कि सरकार हर निजी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती और संविधान द्वारा नागरिकों के संपत्ति अधिकार की रक्षा की गई है। यह फैसला कई वर्षों से लंबित मामलों और संपत्ति विवादों पर सीधा प्रभाव डालेगा।

सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बड़ी बेंच ने मंगलवार को अपने अहम फैसले में कहा कि सरकार सभी निजी संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती, जब तक कि सार्वजनिक हित ना जुड़ रहे होंमुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 जजों की बेंच के मामले में बहुमत से अपना फैसला सुनाया. बहुमत के जरिए बेंच ने अपने फैसले में यह व्यवस्था दी है कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित नहीं किया जा सकता है, राज्य उन संसाधनों पर दावा कर सकता है जो सार्वजनिक हित के लिए हैं और समुदाय के पास हैं।

साथ ही कोर्ट ने बहुमत से जस्टिस कृष्णा अय्यर के पिछले फैसले को भी खारिज कर दिया. जस्टिस अय्यर के पिछले फैसले में कहा गया था कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता है. इसमें कहा गया था कि पुराना शासन एक विशेष आर्थिक और समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था।इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साल 1978 के बाद के उन फैसलों को पलट दिया जिसमें समाजवादी थीम को अपनाया गया था और फैसला सुनाया गया था कि राज्य आम भलाई के लिए सभी निजी संपत्तियों को अपने अधीन कर सकते हैं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कुछ फैसले इस मामले में गलत हैं कि व्यक्ति के सभी निजी संसाधन समुदाय के भौतिक संसाधन हैं. कोर्ट की भूमिका आर्थिक नीति निर्धारित करना नहीं, बल्कि आर्थिक लोकतंत्र स्थापित करने की सुविधा प्रदान करना है।

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