कर्मचारियों पर दर्ज हुआ FIR, कहीं बर्खास्तगी व कहीं निलंबन, कर्मचारियों पर अलग-अलग जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई

रायपुर 1 सितंबर 2023। एस्मा लगने के बाद हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों पर अब कार्रवाई शुरू हो गयी है। कहीं बर्खास्तगी हो रही है, तो कहीं FIR दर्ज किया जा रहा है। कोरबा में जहां 337 हड़ताली कर्मचारियों पर बर्खास्तगी और FIR की तैयारी है, तो वहीं जगदलपुर में 296 हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। उसी तरह से बलौदाबाजार में भी हड़ताल पर गये स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई हुई है। बलौदाबाजार में 365 स्वास्थ्यकर्मियों पर बर्खास्तगी की तैयारी है। बलौदाबाजार कलेक्टर चंदन कुमार ने 265 स्वास्थ्यकर्मियों को जहां बर्खास्त कर दिया गया है, तो वहीं 100 राज्य स्तरीय कर्मचारियों की बर्खास्तगी के लिए राज्य सरकार को पत्र लिया गया है.

कोरबा में हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ FIR

कोरबा। कलेक्टर श्री सौरभ कुमार द्वारा छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन एवं छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन संघ द्वारा विगत 21 अगस्त 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल में गए समस्त अधिकारियों कर्मचारियों को एस्मा एक्ट के अंतर्गत तत्काल हड़ताल समाप्त कर अपनी सेवाएं देने के लिए पूर्व में नोटिस जारी किया गया है। स्वास्थ्य कर्मचारी सीधे तौर पर आम जनता के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं एवं उनके कार्य क्षेत्र में अनुपस्थिति के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्यगत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उपरोक्त हड़ताल में स्वास्थ्य विभाग के कुल 337 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं, जिनमें चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग संवर्ग, पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य संयोजक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता इत्यादि लोग सम्मिलित हैं। कलेक्टर सौरभ कुमार ने सीएमएचओ डॉ. एस. एन. केसरी को एस्मा एक्ट लगने के बाद भी कार्य पर उपस्थित नहीं होने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। एस्मा एक्ट के तहत जारी नोटिस के बाद भी स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा अपने ड्यूटी पर उपस्थिति नहीं दी गई है। उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर के निर्देश के परिपालन में सीएमएचओ एवं सभी बीएमओ द्वारा अपने विकासखण्ड के हड़तालरत कर्मचारियों के खिलाफ संबंधित थाने में एस्मा एक्ट 7 (1) के तहत एफआईआर दर्ज कराया जा रहा है एवं उन्हें सेवा समाप्ति हेतु नोटिस भी दी जा रही है।

अनाधिकृत रूप से निरंतर हड़ताल पर हैं एवं इस कारण लोक हित / नागरिक सेवाएं तथा शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं और आम जनता को असुविधा हो रही है। विदित है कि स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। जो सीधे पीडित मानवता की सेवा से जुड़ा हुआ है। विभाग द्वारा समय-समय पर आपकी उचित मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार किया गया है। आपके स्वयं को कार्य से पृथक रखने पर अनेकों गरीब मरीजों एवं परिजनों को अनावश्यक कष्टों का सामना करना पड़ रहा है। आप यह भी जानते हैं कि विभाग में अनेक कार्य समय-सीमा में (टीकाकरण, प्रसव, गंभीर मरीजों का व्यवस्थापन आदि) किया जाना अति आवश्यक अन्यथा उक्त कार्य हेतु समय निकल जाता है। इसका दुष्परिणाम हितग्राही को पूरे जीवन भर भी उठाना पड़ सकता है, जो किसी भी दृष्टि से स्वीकार्य योग्य नहीं होना चाहिए।

कर्मचारियों पर कार्रवाई: कहीं दर्ज हुआ FIR, तो कहीं बर्खास्तगी व कहीं निलंबन, कर्मचारियों पर अलग-अलग जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई